Monday, August 7, 2023

ग्रेट निकोबार द्वीप एक सच्चा लघु भारत

एक देश भक्ति गीत के शब्द है, "भारत, हम इसकी पहचान, हम इसकी पहचान....", कैंपबेल बे, ग्रेट निकोबार में यह बात कितनी सच है, इसे आप यू ही महसूस कर सकते है। आज वैश्वीकरण, और बाजारीकरण के युग में लोगों का माइग्रेशन या पलायन आम बात है। लेकिन कैंपबेल बे तक कौन और किस कारण से पलायन करेंगे? यह प्रश्न चिन्ह ही है। और पत्ते की बात; की ग्रेट निकोबार, मिनी इंडिया या लघु भारत कैसे है??!! जवाब... लाज़वाब ही है... उपरोक्त गीत के बोल के अर्थ के जैसे.. हम इसकी पहचान; अर्थात यहां के लोग, यहां के नागरिक ही ग्रेट निकोबार द्वीप को एक सच्चा Mini India बनाते है। यू तो यहां के aboriginals आदिवासी समुदाय निकोबारिस Nicobarese और शॉम्पेनीज Shompenese ही है, लेकिन इनकी जनसंख्या यहां पर बाहर से पलायित लोगों की जनसंख्या से बिलकुल कम है। कारण जो भी हो, हमारे निकोबारिस और शॉम्पेनिज समुदाय ने सदैव ही दशकों से यहां पधारने वाले लोगों का स्वागत किया और मेल भाव से गुजर बसर का अवसर दिया। ये शांत और शानदार लोग है। दोनों ही जनजाति अच्छे भविष्य हेतु अग्रसर है और मुख्यधारा की जीवन पद्धति के जीवन निर्वाहन हेतु आशावान है। भारतीय सरजमीं की दक्षिणी आख़िरी खंड होने के कारण तथा हिंद महासागर और बंगाल की खड़ी की भौगोलिक संदर्भ में इन द्वीपों और इस द्वीप का महत्व वर्षों पहले समझा गया। इसी सोच को चरितार्थ करते हुए 1970-80 के दशक में जाबाज़ Ex-servicemen भूतपूर्व सैनिकों को परिवार सहित यहां बसाया गया। ताकि भारत भूमि की रक्षा और देखभाल कि जा सके। उस ज़माने में जब जीने, रहने और यात्रा आदि के कितने मुश्किलात थे फिर भी हमारे भूतपूर्व सैनिकों के परिवार यहां डटे रहे। भूतपूर्व सैनिक अलग अलग राज्यसमुदाय और भाषापरिवेश से पधारे; जैसे पंजाब, हिमाचल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ पूर्व मध्य प्रदेश, झारखंड, केरल, तमिलनाड, आंध्र प्रदेश आदि। अपनी लगन, परिश्रम और सोच से इस भूमि और स्थान को इन्होंने रचाया और बसाया। इनके अतिरिक्त यहां सरकारी और गैर सरकारी कामकाज हेतु पूरे भारतवर्ष से कितने नौकरी पेशा लोग आए, गए और कुछ बस गए, रिश्तेदार बन मेलजोल हो गए। धन्य हुई ये भूमि। आज यहां शहरीकरण और बाजारीकरण के दौर में पुनः विभिन्न प्रोजेक्ट्स परियोजना निर्माण, काम काज और व्यवसाय के लिए पूर्ण भारत के लोग यह रहते और जीते है। सैनिक शक्ति के विस्तार के कारण थल सेना Army, जल सेना Navy, तट रक्षक Coast Guard के काफ़ी बड़ी टुकड़ी मर्चाबंदी में लगी है। काफ़ी परियाजनाएं लंबित और भविष्य हेतु अपेक्षित है। कैंपबेल बे के संध्या बाज़ार में और दर्शनीय स्थानों Beach spots में सभी लोग मिलते जुलते है। सरजमीं की यह दक्षिणी छोर सच में एक लघु भारत की मिसाल पेश करती आई है और सदैव रहेगी। हर प्रांत, हर भाषा, हर जाति यह तक की स्थानीय लोगों के जनसंख्या विघटन से यह Mini India लघु भारत को प्रदर्शित करता रहेगा।

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